क्यों होता है गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द , क्या है इसके होने का कारण और लक्षण ?

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    गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द और ऐंठन होना वैसे तो बहुत आम सी बात है और इस समस्या से हर महिला गर्भावस्था गुजराती है | यह समस्या कोई  चिंताजनक वाली बात नहीं होती है | अगर यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़  रही है तो सही समय डॉक्टर के पास जाकर जाँच करवा लेनी चाहिए, यदि ध्यान न दिया गया तो यह दर्द बहुत बड़ी बीमारी में तब्दील भी हो सकती है | दरअसल गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में काफी बदलाव आते है , जिसमे गर्भाशय का भी  विस्तार होता है | इस दौरान महिला के शरीर में लिगामेंट्स भी फैलता है जिसके कारण  पेट में दर्द उठना स्वाभाविक है | आइये जानते है गर्भावस्था के दौरान पेट में होने वाले दर्द का क्या कारण है :- 

    गर्भावस्था के दौरान पेट में होने वाले दर्द का क्या कारण है? 

    कालिया आई एंड मैटरनिटी हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर ज्योति कालिया जो की गयनेकोलॉजिस्ट में एक्सपर्ट है, उनका यह मानना है कि कुछ स्थितियां होती है जिसके कारण पेट में दर्द जैसी समस्या हो जाती है, उसका तत्कालीन  इलाज करना बेहद ही आवश्यक है :- 

    1. असामान्य तरीके से गर्भावस्था 

    डॉक्टर ज्योति कालिया का कहना है कि यह समस्या तब होता है जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर मजबूती से स्थापित होता है, जैसे कि अंडा फैलोपियन ट्यूब में प्रत्यारोपित होता है |  इस समस्या के कारण गर्भावस्था को जीवित रहना मुश्किल हो जाता है, इसलिए इस समस्या का सही समय में इलाज करवाना और सर्जरी द्वारा हटाना बेहद ही आवश्यक है | 

    इस समस्या का लक्षण आम तौर पर गर्भावस्था के शुरुआती 4-12 सप्ताह के बीच दिखाई देना शुरू हो जाता है, इनमें से निचे बताये गए लक्षण शामिल हो सकते है :- 

    • पेट में दर्द के साथ-साथ रक्तस्राव होना 
    • कंधे और सिर में हमेशा दर्द होना 
    • पेशाब करते समय असुविधा का होना

    2. कच्चा गर्भ 

    डॉक्टर ज्योति कालिया के अनुसार यह समस्या तब होती है जब महिला को रक्तस्राव होने लगता है, परन्तु गर्भावस्था सामान्य रूप से जारी रहता है | आमतौर पर यह लक्षण गर्भावस्था के 24 हफ्ते से पहले ही में दिखने लग जाता है,जिस में  महिला को पहले  ऐंठन दर्द होता है और कभी-कभी रक्तस्राव भी होने लगता है, जिसके कारण गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है | 

    3. गर्भावस्था में विषरक्तता 

    डॉक्टर ज्योति कालिया ने बताया की गर्भावस्था के अंतिम चरण में पसलियों के निचे दर्द होने वैसे तो आम सी बात  है, क्योंकि बढ़ते शिशु के कारण पसलियों में दबाव पड़ता है | परन्तु जब यह दर्द दिन प्रतिदिन बढ़ता जाये खासकर दाई ओर, तब यह स्थिति महिला के गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप होना का संकेत देता  है, जिसे प्री-एक्लेमप्सिया भी कहा जाता है | यह समस्या कुछ ही गर्भवस्था महिला को प्रभवित करता है | यह समस्या गर्भवस्था के 20 हफ्ते बाद या फिर बचे के जनम के तुरंत ही शुरू ही जाता है | प्री-एक्लेमप्सिया के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है :- 

    • सिर में भयंकर तरीके से दर्द होना 
    • दिखने में समस्या होना 
    • पैर, हाथ और चेहरे में सूजन आ जाना 

    4. समय से पहले प्रसूति और बचे का जनम होना 

    डॉक्टर ज्योति कालिया के अनुसार समय से पहले प्रसूति होना से भी पेट में दर्द हो सकता है | जिसे लिवर पेन भी कहा जाता है | यह समस्या महिला के गर्भावस्था के 37 हफ्ते में होने लगता है | इसके कारण वेजाइनल डिस्चार्ज हो जाता है और ब्लीडिंग भी होने लगती है | इस दौरान दौरान डॉक्टर के पास ही बेहतर रहेगा | 

    अगर इससे संबंधित कोई भी जानकारी या फिर सलाह लेना चाहते हो तो आप कालिया आई एंड मैटरनिटी हॉस्पिटल से ले सकते है |